शुक्रवार, 5 अप्रैल 2013

मुझमें क्या है सिवा तुम्हारे


डॉ कुमार विश्वास की एक कविता : मुझमें क्या है सिवा तुम्हारे

"टी वी वाले पूछ रहे हैंक्या छोड़ोगे नए साल में?
उधर सुना है अमरीका मेंऐसा कुछ रिवाज़ है शायद,
नए साल में खुद ही खुद कुछ, अपने में से कम करने का,
मैं क्या छोडू समझ नहीं पाया हूँ अब तकमुझमें क्या है सिवा तुम्हारे?
और तुम्हें कम कर दूँ तो फिरकहाँ बचूँगा नए साल में ......?"

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